
काश! कुछ ऐसा हो जाएं।
चाय सा इश्क हो जाएं।
तुम याद आओ
सुबह शाम ।
मिलें कुछ तनहाई के दर्द को आराम ।
तुम सुबह की चाय की प्याली सी,
मैं डुबकर मुक्कमल हो जाऊ तुझमें,
टूटे
Read More! Earn More! Learn More!
काश! कुछ ऐसा हो जाएं।
चाय सा इश्क हो जाएं।
तुम याद आओ
सुबह शाम ।
मिलें कुछ तनहाई के दर्द को आराम ।
तुम सुबह की चाय की प्याली सी,
मैं डुबकर मुक्कमल हो जाऊ तुझमें,
टूटे