।। हरामी मंशा है मानती ही नही ।।
कुछ बात है, लेकिन किताबी ज्ञान की नही,
होते है अनेको अरमान, लेकिन उनका कोई अंजाम ही नही,
चलाते है सोशल मीडिया, पढाई पर कोई ध्यान ही नही,
सोचते है कुछ होगा, क्योकि हरामी मंशा है मानती ही नही।।
करते है कोशिश, पर ब्लॉक होने का कोई खास खौफ भी नही,
नही मानी तो क्या हुआ, हम कोई टाईगर श्रॉफ भी नही,
भेजेगे दूसरी को रिक्वेस्ट, जो कोई खास पहचान की ही नही,
करेगे कोशिश डरेगे नही, क्योकि हरामी मंशा है मानती ही नही।।
नही पटी लडकी, तो लगा सोशल मीडिया कोई काम का नही,
लेकिन मन न माने, दिल को कोई चैन और आराम ही नही,
रूके नही, पीछे हटे नही, क्योकि इस वीराने मे कोई ओर खास काम भी नही,
क्योकि ये भी तो सच है कि हरामी मंशा है मानती ही नही।।
हमारी हरकतो से ही हम हो जाये करते है ब्लॉक कभी,
होती है हमारी भावनाएँ आहत, पर मनाते कोई शोक नही,
फिर अनब्लॉक होने पर, जाग जाते है दोबारा पुराने अरमान सभी,
क्या फर्क पडता है हमे, क्योकि हरामी मंशा है मानती ही नही।।
छोड दे उम्मीद या छोड दे आस, इतना आसान तो नही,
कभी तो देगी किस्मत साथ, हमारी किस्मत हमसे इतनी अंजान भी नही,
कर दे सर्मपण, या मान ले हार, हमारी ये तो पहचान ही नही,
लगे