![तुम ना होती तो ऐसा होता's image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/post_pics/%40a-mehta/None/Heer_Ranjha_15-03-2023_01-31-09-AM.jpg)
यह जो तुमसे मेरा
सागर सा गहरा प्रेम है
यह एक कविता है
सुन्दर सी, चँचल सी
कोमल स्वप्नों से बुनी
चादर जैसे मखमल की
इसमें मीठी एक सुगंध है
मोगरे के फूलों सी
सुमधुर एक धुन है
मन वीणा के बोलों की
इसमें समर्पण है,त्याग है
संवेदना, विश्वास है
इसमें नहीं है कोई छल
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