न रखना मन में वेदना
न बहाना अश्रुओं के धार
न करना अकुलित ह्रदय को
न चढ़ाना पुष्पों के हार
कहना मेरी व्याकुल माँ से
तेरा बेटा कहीं गया नहीं है
समा गया है भारत की माटी में
देखो जिस ओर, वहीँ है
कह देना हर भारत वासी से
मिली नहीं स्वतंत्रता सस्ते मोल
आवाज़ उठायी, ध्वज फेहराया
साँसे दी तलवारो से तोल
धर्म, जात, नाम, सत्ता न धन
सर्वोपरि मेरे भारत का कण-कण
जन-जन ने है रक्त बहा Read More! Earn More! Learn More!