![मन्नत's image](/images/post_og.png)
ना इबादतों से मन्नत पूरी होती है
ना किसी की इनायतों से,
कुछ बूँद लहू की मिलती हैं
कुछ आंख खुली उन रातों में,
कुछ सच जब फूंका जाता है
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ना इबादतों से मन्नत पूरी होती है
ना किसी की इनायतों से,
कुछ बूँद लहू की मिलती हैं
कुछ आंख खुली उन रातों में,
कुछ सच जब फूंका जाता है