
हवा का रुख जरा देखो
बदल सा यूँ गया है कुछ
तिरी बाते सुनी मैंने
बुरा तुम को लगा है कुछ
हसी जो चेहरा तेरा है
जरा उतरा हुआ है कुछ
उडी है नींद तेरी तो
तिरे दिल को हुआ है कुछ
जरा आँखे झुकी तेरी
सिले है होट भी तेरे
मिरे तू साथ हो कर भी
लगे बैठी अ
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