
भूलना आता अगर तो भूल जाते
ज़िंदगी से तंग आ कर झूल जाते
जेब में कौड़ी नहीं थी साल कितने
उस घड़ी को हम ख़ुशी में भूल जाते
कौन कितना ले गया लौटा गया है
याद रखते तो जहाँ में
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भूलना आता अगर तो भूल जाते
ज़िंदगी से तंग आ कर झूल जाते
जेब में कौड़ी नहीं थी साल कितने
उस घड़ी को हम ख़ुशी में भूल जाते
कौन कितना ले गया लौटा गया है
याद रखते तो जहाँ में